पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज जम्मू से रवाना हो गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से “बम-बम भोले” और “हर-हर महादेव” के नारों के बीच इस जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह 38 दिवसीय यात्रा आधिकारिक तौर पर 3 जुलाई, 2025 से शुरू होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी।
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए इस वर्ष सुरक्षा के पुख्ता और अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर एक बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया है। यात्रा मार्ग, जिसमें जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) भी शामिल है, पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। पहली बार हाईवे पर जैमर भी लगाए गए हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके।
ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और विशेष रूप से प्रशिक्षित के-नाइन (K-9) डॉग्स को भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल किया गया है, जो संदिग्ध गतिविधियों और विस्फोटकों का पता लगाने में मदद करेंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं दीं।
श्रद्धालुओं में भारी उत्साह
पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। देशभर से आए भक्तों ने कहा कि वे इन कड़े सुरक्षा इंतजामों से पूरी तरह संतुष्ट हैं और उन्हें अपनी यात्रा को लेकर कोई डर नहीं है। अब तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। यह यात्रा पहलगाम और बालटाल, दोनों मार्गों से संचालित होगी। प्रशासन ने सभी यात्रियों के लिए भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।