जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। 3 जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (NH-44) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो यात्रा का मुख्य मार्ग है। इस महत्वपूर्ण मार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की निगरानी बढ़ा दी गई है और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष की यात्रा के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। NH-44 पर हर कुछ किलोमीटर पर सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं, जो चौबीसों घंटे निगरानी रखेंगे। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बंकरों का निर्माण किया गया है और निगरानी चौकियों को मजबूत किया गया है। यात्रा मार्ग पर आने-जाने वाले सभी वाहनों की कड़ी जांच की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए अत्याधुनिक K-9 डॉग स्क्वाड को भी तैनात किया गया है। ये प्रशिक्षित कुत्ते संदिग्ध वस्तुओं और विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में माहिर हैं, जिससे सुरक्षा बलों को किसी भी संभावित खतरे को पहले ही बेअसर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी पूरे यात्रा मार्ग पर नजर रखी जा रही है, जिससे हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी जा सके।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल और लंगर की व्यवस्था की गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है ताकि यात्रा सुचारु और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।
अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, और प्रशासन इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि यह यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में पूरी हो।