दिल्ली में केंद्र सरकार ने बांग्लादेश मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाई। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों को पड़ोसी देशों के हालातों की जानकारी दी। विपक्षी दलों ने भी भरोसा जताया कि वे इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं। विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी न हो। वहीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अभी दिल्ली में सेफ हाउस में हैं। वे कल ही भारत आई थीं। उन्हें ब्रिटेन या फिनलैंड से क्लीयरेंस का इंतजार है, ताकि वे वहां जाकर रह सकें। इस बीच भारत के सामने भी कठिन स्थिति है। वह ज्यादा दिन तक हसीना को पनाह नहीं देना चाहेगा। बहरहाल बांग्लादेश में चल रही हिंसा और सियासी घटनाक्रमों पर सरकार की पूरी नजर है।
शरणार्थियों के आने का खतरा है : थरूर
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण संकेत जो हमें बांग्लादेश के लोगों को भेजना है, वह यह है कि हम उनके साथ खड़े हैं। हम उनके अपने राजनीतिक भाग्य और अपने प्रतिनिधि का निर्धारण करने के अधिकार के लिए खड़े हैं। यह कहने के बाद हमें स्पष्ट रूप से बहुत अधिक सतर्क रहना होगा। थरूर ने कहा कि कुछ परेशान करने वाली रिपोर्ट सामने आ रही हैं। उम्मीद है कि वहां माहौल शांत हो। स्थिति एक-दो दिन में स्थिर हो सकती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो निश्चित रूप से हमारे देश में शरणार्थियों के आने का खतरा है। वहीं आरजेडी सांसद मीसा भारती ने बैठक से पहले कहा कि बांग्लादेश हमारा पड़ोसी देश है इसलिए चिंता स्वाभाविक है। भारत के लोगों और सरकार को इस पर चिंता करनी चाहिए।


