आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का जादू केवल तकनीक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने साल 2025 में धन सृजन के मामले में भी नया इतिहास रच दिया है। हालिया रिपोर्टों और हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 के आंकड़ों के अनुसार, AI सेक्टर से जुड़े 50 से अधिक लोग इस साल अरबपतियों (Billionaires) की सूची में शामिल हुए हैं।
AI अरबपतियों का उभरता दौर
साल 2025 को “AI का ब्रेकआउट ईयर” माना जा रहा है। जहां पारंपरिक उद्योगों को अरबपति बनाने में दशकों लग जाते थे, वहीं AI स्टार्टअप्स ने केवल 2-3 साल में अपने संस्थापकों को दुनिया के सबसे अमीर लोगों की कतार में खड़ा कर दिया है।
प्रमुख नाम जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं
| नाम | कंपनी / संबंध | विशेषता |
|---|---|---|
| अरविंद श्रीनिवास | Perplexity AI | भारत के सबसे युवा अरबपति (31 वर्ष)। उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹21,190 करोड़ है। |
| एडविन चेन | Surge AI | डेटा लेबलिंग फर्म के CEO, जिनकी संपत्ति $18 बिलियन आंकी गई है। |
| अलेक्जेंड्रा वैंग | Scale AI | 28 साल की उम्र में दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपति बने रहे। |
| लियांग वेनफेंग | DeepSeek | चीन के ओपन-सोर्स AI मॉडल के जनक, जिनकी नेट वर्थ $11.5 बिलियन तक पहुंच गई। |
| ब्रेंडन फूडी और टीम | Mercor | मात्र |
AI ने कैसे बदला अमीरी का पैमाना?
- डेटा लेबलिंग का दबदबा: Surge AI और Scale AI जैसी कंपनियों ने दिखाया कि AI मॉडल को ‘ट्रेन’ करने के लिए डेटा तैयार करना अरबों डॉलर का व्यवसाय है।
- युवाओं की आंधी: इस साल 30 साल से कम उम्र के 13 युवा अरबपति बने हैं, जिनमें से 11 केवल साल के अंतिम कुछ महीनों में इस क्लब में शामिल हुए।
- कम लागत, अधिक वैल्यू: पारंपरिक बिजनेस के विपरीत, AI स्टार्टअप्स को बड़ी फैक्ट्रियों या हजारों कर्मचारियों की जरूरत नहीं होती। एक छोटी लेकिन स्मार्ट टीम भी $10 बिलियन की वैल्यूएशन हासिल कर रही है।
- टेक दिग्गजों का मुनाफा: जेन्सन हुआंग (Nvidia) और मार्क जुकरबर्ग (Meta) जैसे स्थापित दिग्गजों की संपत्ति में भी AI की वजह से रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
एआई अब केवल एक ‘टूल’ नहीं, बल्कि ‘वेल्थ जनरेटर’ बन चुका है। भारत के अरविंद श्रीनिवास जैसे नामों ने यह साबित कर दिया है कि सही विजन और तकनीक के साथ वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई जा सकती है।


