भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) हैदराबाद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। संस्थान के कैंपस में एक ऐसी बस चलाई गई है, जिसमें ड्राइवर की जरूरत नहीं होती। इस बस ने 10,000 से अधिक यात्रियों को यात्रा करवाई है और चौंकाने वाली बात यह है कि 90% से ज्यादा यात्रियों ने इस ट्रिप को बेहद पसंद किया है।
यह बस आईआईटी हैदराबाद के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (TiHAN) द्वारा विकसित एक AI-आधारित सॉफ्टवेयर की मदद से चलती है। इस तकनीक के माध्यम से बस बिना किसी ड्राइवर के कैंपस में छात्रों और शिक्षकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकती है। यह बस फिलहाल सार्वजनिक सड़कों पर नहीं चल रही है, लेकिन इसका सफल परीक्षण भविष्य में शहरी परिवहन के लिए एक बड़ी उम्मीद जगाता है।
यह ड्राइवरलेस बस कई तरह के सेंसर से लैस है, जो इसे आसपास के ट्रैफिक और सड़क की स्थिति को समझने में मदद करते हैं। यह सिस्टम इलेक्ट्रिक और तेल से चलने वाले दोनों तरह के वाहनों के लिए काम कर सकता है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि ऐसी तकनीक से सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने में मदद मिल सकती है।
इस सफलता को देखते हुए, तेलंगाना सरकार और अन्य शिक्षण संस्थान भी इस तकनीक में रुचि दिखा रहे हैं। उनका मानना है कि इसका उपयोग हवाई अड्डों, बड़े कॉलेज परिसरों या औद्योगिक क्षेत्रों जैसे नियंत्रित वातावरण में किया जा सकता है, जहां ट्रैफिक कम होता है। यह तकनीक भारत में ऑटोनॉमस ड्राइविंग के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है और भविष्य में सुरक्षित और कुशल परिवहन का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।


