ईरान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि हाल ही में हुए अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। यह कबूलनामा ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हुए इस गंभीर आघात की पुष्टि की है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने अल जज़ीरा से बात करते हुए बताया कि अमेरिकी हमलों ने देश की कुछ महत्वपूर्ण परमाणु साइटों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उन्होंने हालांकि नुकसान का पूरा विवरण नहीं दिया, लेकिन स्वीकार किया कि अमेरिकी B-2 बॉम्बर्स द्वारा गिराए गए “बंकर-बस्टर” बम “काफी प्रभावशाली” रहे हैं। बाघेई ने कहा, “हमारे परमाणु ठिकानों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है, इसमें कोई शक नहीं।”
इसी बीच, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के प्रमुख जॉन रैटक्लिफ ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वाशिंगटन के हमलों से तेहरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं को गंभीर रूप से क्षति पहुंची है। सीआईए के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन संरचनाओं के पुनर्निर्माण में संभवतः वर्षों लग सकते हैं। हालांकि, पेंटागन की एक सीक्रेट रिपोर्ट के अनुसार, नुकसान के बावजूद ईरान का परमाणु इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी बरकरार है, जिसका अर्थ है कि भविष्य में वह फिर से परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई महीनों के लिए टाल दिया है।
गौरतलब है कि ये हमले ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु ambitions को बाधित करना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को “एक अविश्वसनीय और जबरदस्त सफलता” बताया था। इस कबूलनामे से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंतित है।