हरियाणा में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य में नदियाँ, जैसे यमुना और मारकंडा, उफान पर हैं, जिससे सैकड़ों गाँवों में पानी घुस गया है। कई पुल भी धंस गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। सरकार ने प्रभावित इलाकों में जान-माल के नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और मुआवजे के लिए ऑनलाइन आवेदन भी स्वीकार कर रही है।
हिसार में स्थिति सबसे गंभीर
हिसार जिले में बारिश ने सबसे ज्यादा कहर ढाया है, जहाँ 180 गाँव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। यहाँ इस मानसून में सामान्य से 67 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मंगलवार को हिसार में एक 150 साल पुरानी इमारत ढह गई, जिसमें एक बच्चा बाल-बाल बचा। नारनौंद के कौथ कला गाँव में एक घर गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए। इसके अलावा, हिसार-चंडीगढ़ और कोटपुतली-बठिंडा जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग भी पानी में डूब गए हैं, जिससे आवागमन ठप हो गया है।
यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर
पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश और हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी में 3 लाख 40 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आसपास के गाँवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। करनाल के बलहेडा गाँव में एक दुखद घटना सामने आई, जहाँ गन्ने का काम कर रहे 32 वर्षीय मुस्तकीम पानी के तेज़ बहाव में बह गए। उनके साथी उन्हें बचाने की कोशिश में नाकाम रहे। स्थानीय ग्रामीण और गोताखोर युवक की तलाश कर रहे हैं। इस संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासन मिलकर राहत और बचाव कार्य में लगे हैं।