बिहार विधानसभा चुनावों के बाद, अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि क्या अगला बड़ा चुनावी फोकस पश्चिम बंगाल होगा। यह चर्चा इसलिए तेज़ हुई है क्योंकि चुनाव आयोग (Election Commission) ने पश्चिम बंगाल में विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) अभियान शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूचियों का शुद्धिकरण करना है।
SIR अभियान और अवैध बांग्लादेशियों का पलायन
- शुद्धिकरण अभियान: चुनाव आयोग ने राज्य में ‘अवैध मतदाताओं’ और बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने के लिए SIR अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, मतदाता सूचियों की सघन जाँच की जा रही है।
- पलायन की रिपोर्ट: रिपोर्ट्स के अनुसार, SIR के शुरू होते ही पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी नागरिक राज्य छोड़कर भाग रहे हैं। यह दर्शाता है कि मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ थीं।
अवैध बांग्लादेशी का चौंकाने वाला खुलासा
BJP द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए DD News के वीडियो के अनुसार, रिपोर्टर ने मिठु मोल्ला नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक से बात की जो राज्य छोड़कर भाग रहा था।
- 8 साल से निवास: मिठु मोल्ला ने बताया कि वह पिछले करीब 8 साल से कोलकाता के पास हाई-प्रोफाइल इलाके साल्टलेक (Salt Lake) में रह रहा था।
- मतदान और पहचान पत्र: सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसके पास भारतीय मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card) था और उसने पिछले चुनावों में वोट भी डाला था।
- पलायन का कारण: जब रिपोर्टर ने उससे भागने का कारण पूछा, तो उसने स्वीकार किया कि वह जानता है कि वह अवैध रूप से रह रहा है और SIR अभियान के तहत पकड़े जाने के डर से वह राज्य छोड़ रहा है।
यह घटनाक्रम राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल में घुसपैठ और मतदाता सूची की अखंडता के मुद्दे को और गरमा सकता है, खासकर आगामी राज्य चुनावों के मद्देनज़र। राजनीतिक दल इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देख रहे हैं।


