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    41 साल बाद अंतरिक्ष में होगा कोई भारतीय.. जानें क्या है Axiom-4 मिशन

    41 साल के लंबे इंतजार के बाद अंतरिक्ष में राकेश शर्मा के बाद भारतीय मूल के एक और अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की उड़ान भर चुके हैं। वे एक्सिओम मिशन (Axiom Mission) के तहत अंतरिक्ष रवाना हो चुके हैं।

    क्या है एक्सिओम मिशन?

    एक्सिओम मिशन का संचालन एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) नामक एक अमेरिकी निजी अंतरिक्ष कंपनी करती है। यह कंपनी नासा (NASA) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक निजी अंतरिक्ष उड़ानों का आयोजन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष पर्यटन, वाणिज्यिक अनुसंधान और भविष्य के निजी अंतरिक्ष स्टेशनों के निर्माण की दिशा में काम करना है।

    एक्सिओम मिशन में आमतौर पर पेशेवर अंतरिक्ष यात्रियों के साथ-साथ निजी नागरिक या विभिन्न देशों द्वारा प्रायोजित अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होते हैं। ये मिशन आमतौर पर 10-14 दिनों तक चलते हैं, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेते हैं और पृथ्वी का अवलोकन करते हैं।

    भारत को कैसे मिलेगा दूसरा अंतरिक्ष यात्री?

    कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन एक्सिओम स्पेस के एक विशेष कार्यक्रम के तहत हुआ है, जिसमें विभिन्न देशों के योग्य उम्मीदवारों को निजी तौर पर प्रशिक्षित कर अंतरिक्ष यात्रा का अवसर दिया जा रहा है। हालांकि, भारत का अपना गगनयान मिशन भी प्रगति पर है, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी कर रहा है, लेकिन Axiom मिशन के जरिए यह उपलब्धि पहले हासिल हो रही है।

    भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है यह उपलब्धि

    1. अंतरिक्ष में बढ़ती उपस्थिति: यह भारत की वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
    2. प्रेरणा: यह युवा पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
    3. तकनीकी सहयोग: निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ सहयोग भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए नए रास्ते खोलेगा।
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