भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के फाउंडर मेंबर हैं और अटल जी की सरकार में गृहमंत्री और डिप्टी पीएम रहे हैं। आडवाणी ने 90 के दशक में राम रथयात्रा निकाली थी, जिसका भाजपा को काफी लाभ हुआ था। भाजपा के एक समय सिर्फ 2 सांसद थे। राम रथयात्रा के बाद सांसदों की संख्या बढक़र 85 हो गई। तब निकाली गई रथयात्रा में देशभर में माहौल बना था। आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में भाजपा ने 3 बार केंद्र में सरकार बनाई। तब वे उप प्रधानमंत्री बनाए गए थे। आडवाणी ने तीन बार राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व भी संभाला।
अटल जी का नाम आगे किया था
भाजपा के दो नेता 90 के दशक में सामने आए थे। आडवाणी उस समय संगठन संभालते थे, तो अटल जी पार्टी का चेहरा हुआ करते थे। केंद्र में जब 1996 में सरकार बनाने की बारी आई तो आडवाणी ने ही अटल जी का नाम आगे किया था। उस समय पार्टी दुविधा में थी कि आडवाणी को रथयात्रा का इनाम दिया जाए या अटल जी के सौम्य चेहरे को आगे बढ़ाया जाए। तब आडवाणी ने ही अटल जी का नाम आगे किया और पीएम पद का उम्मीदवार और पीएम की कुर्सी तक भी पहुंचाया। आज जैसे अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी है, ठीक वैसे ही अटल-आडवाणी की जोड़ी ने पार्टी और देश को ढेरों गौरवमयी चेहरे दिए।
भाजपा के पितृपुरुष हैं आडवाणी.. भाजपा को 2 से 85 तक पहुंचाया था
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