कुछ दिन पहले की ही बात है जब हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम छाया हुआ था। इस कंपनी ने गौतम अडानी के नाम पर रिपोर्ट जारी कर उन्हें करोड़ों डॉलर की चपत लगाई थी। लेकिन अब अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद हो चुकी है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने खुद इसकी घोषणा की है। गौरतलब है कि कंपनी ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप ने कई तरह की अनियमिताएं की हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया। इससे ग्रुप के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई। दूसरी बार भी इसकी रिपोर्ट जारी हुई जिस पर भारत में काफी बवाल हुआ। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस मामले पर संसद में हंगामा मचाया और सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। लेकिन अब एंडरसन ने खुद ही कंपनी को बंद करने की घोषणा कर दी है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह कदम क्यों उठा रहे हैं। लेकिन माना जा रहा है कि 20 जनवरी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति की शपथ लेने वाले हैं। संभवत: इसी डर के कारण एंडरसन ने यह कंपनी बंद कर दी है।
बदनाम रही हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी
शॉर्ट सेलिंग गतिविधियों के लिए बदनाम हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी के अलावा कहीं और अरबपतियों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि कंपनी बंद करते समय नाथन एंडरसन ने कहा कि पिछले साल के अंत से परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ निर्णय लिया कि हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टिगेटिव पूरे होने के बाद कंपनी को बंद करने की योजना थी। फर्म ने हाल ही में पहुंची स्कीम से संबंधित से अपनी अंतिम परियोजनाओं को पूरा कर लिया है। इसके बाद कंपनी की रिसर्च एक्टिविटीज खत्म हो गई हैं। हालांकि माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की एंडरसन की घोषणा चौंकाने वाली है।