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    AI से 1-1 गांव के मौसम की सटीक जानकारी, जानें IMD का BFS सिस्टम

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश में मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाने के लिए एक नई और उन्नत प्रणाली, ‘भारत पूर्वानुमान प्रणाली’ (Bharat Forecasting System – BFS) लॉन्च की है। यह प्रणाली अब एक-एक गांव और स्थानीय स्तर पर भी मौसम में होने वाले बदलावों की सटीक जानकारी दे सकेगी, जिससे किसानों, आपदा प्रबंधन और आम जनता को काफी मदद मिलेगी। BFS का उद्देश्य भारत में मौसम पूर्वानुमान सेवाओं को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना है, जिससे देश को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

    क्या है BFS की खासियतें?

    • उच्च रेजोल्यूशन: BFS दुनिया का सबसे ज्यादा रेजोल्यूशन वाला वेदर फोरकास्टिंग कंप्यूटर मॉडल है। यह 6 किलोमीटर x 6 किलोमीटर के ग्रिड पर काम करेगा, जबकि पहले के मॉडल 12 किलोमीटर के ग्रिड पर पूर्वानुमान देते थे। इसका मतलब है कि यह पहले से कहीं अधिक सूक्ष्म और स्थानीय स्तर पर मौसम के पैटर्न का पता लगा सकेगा।
    • तेज प्रोसेसिंग और रियल-टाइम अलर्ट: इस नई प्रणाली से मौसम की रिपोर्ट तैयार होने में लगने वाला समय काफी कम हो गया है। जहां पहले इसमें 12-14 घंटे लगते थे, वहीं अब यही जानकारी 3-4 घंटे में तैयार हो रही है। इससे तेज और रियल-टाइम अलर्ट जारी करना संभव होगा।
    • ग्राम-स्तर तक सटीकता: BFS की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब मौसम की जानकारी सिर्फ जिलों तक सीमित नहीं रहेगी। यह बताएगा कि किस गांव में, किस दिन, कितने बजे, कितनी बारिश होगी या अन्य मौसम संबंधी घटना होगी। यह जानकारी किसानों के लिए वरदान साबित होगी, जो अपनी कृषि गतिविधियों की योजना बनाने में इसका उपयोग कर सकेंगे।
    • आपदा प्रबंधन में सुधार: चक्रवात, बाढ़ और भारी बारिश जैसी जानलेवा घटनाओं की भविष्यवाणी में BFS ने 30% तक बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे जान-माल के नुकसान को कम करने और राहत कार्यों को पहले से तेज करने में मदद मिलेगी।
    • उन्नत तकनीक का उपयोग: इस प्रणाली को तैयार करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मीटियोरोलॉजी (IITM) के सुपर कंप्यूटरों ‘अरका’ और ‘अरुणिका’ का इस्तेमाल हुआ है। यह देश भर के 40 डॉप्लर मौसम रडार के नेटवर्क से डेटा का उपयोग करेगा, और भविष्य में डॉप्लर रडार की संख्या बढ़कर 100 होने का लक्ष्य है, जिससे पूरे देश का अगले दो घंटों का मौसम पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग: IMD मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने के लिए AI और मशीन लर्निंग का भी उपयोग कर रहा है, जिससे डेटा विश्लेषण और भविष्यवाणियों की सटीकता में और सुधार होगा।
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