गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने विधायक उमेश मकवाणा पर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया है। मकवाणा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और बगावत का आरोप है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब गुजरात में आप अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
उमेश मकवाणा बोटाद विधानसभा क्षेत्र से आप के विधायक हैं। उन पर पिछले कुछ समय से पार्टी लाइन से हटकर काम करने और सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने के आरोप लग रहे थे। खबरों के अनुसार, मकवाणा भाजपा के कुछ नेताओं के संपर्क में थे और क्रॉस-वोटिंग की संभावना भी जताई जा रही थी, जिससे पार्टी के भीतर बेचैनी थी।
आप की गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी ने उमेश मकवाणा के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त की थीं। आंतरिक जांच के बाद यह पाया गया कि मकवाणा लगातार पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों के खिलाफ काम कर रहे थे, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा था। इटालिया ने स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी भी सदस्य को, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, पार्टी के नियमों का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस निलंबन को आप के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है, खासकर गुजरात जैसे राज्य में जहां वह अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी कोर वैल्यूज और अनुशासन से कोई समझौता नहीं करेगी। मकवाणा के निलंबन से गुजरात में राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।