दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। एक्जिट पोल भी आ गए हैं जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा सत्ता में आ रही है। हालांकि असल नतीजे तो 8 फरवरी को आएंगे। ये चुनाव आप-भाजपा और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में जो भी इस चुनाव में जीतेगा, उसे मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी। भाजपा और ब्रांड मोदी की साख दांव पर लगी है। इन चुनाव को जीतने-हारने से हालांकि भाजपा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उसकी साख पर जरूर बट्टा लगेगा। वहीं केजरीवाल हारे तो उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग जाएंगे।
वनवास खत्म होने का इंतजार
भाजपा दिल्ली में 27 साल से सत्ता से बाहर है। 1998 के चुनाव से लगातार वह कभी कांग्रेस तो कभी कांग्रेस से हार रही है। कांग्रेस ने 15 साल तक दिल्ली में राज किया तो बाद में आम आदमी पार्टी 12 सालों से सत्ता में बनी हुई है। हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के लिए ये चुनाव जीतने जरूरी हैं। ऐसे में कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए सत्ता में वापसी बहुत जरूरी है। वहीं आप के लिए दिल्ली गढ़ है और अगर यह ढह जाता है तो उसके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। पूरे देश में विस्तार की संभावनाओं पर कुछ समय के लिए विराम लग जाएगा। बहरहाल नतीजे किसके पक्ष में आएंगे, इसके लिए 8 फरवरी का इंतजार करना पड़ेगा।