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    महाकुंभ में कल उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब.. मौनी अमावस्या का यह है महत्व

    कम मौनी अमावस्या है और इस दिन महाकुंभ में अमृत स्नान होगा। अमावस्या तिथि पर स्नान, दान, पूजा और तर्पण का विशेष महत्व होता है, लेकिन माघ मास में पडऩे वाली मौनी अमावस्या के दिन विशेष होता है। पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है। वहीं माघ महीने में पडऩे वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह बुधवार 29 जनवरी 2025 को है। इस दिन महाकुंभ में अमृत स्नान होगा जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु स्नान करने आएंगे। देश-विदेश से 2 से 3 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

    मौनी अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण

    सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन स्नान, दान, पूजा, जप-तप, तर्पण आदि के साथ ही मौन व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है इन पेड़-पौधों की पूजा से पितृ दोष दूर होता है और भाग्य चमक जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार पीपल वृक्ष में त्रिदेव और पितरों का वास माना गया है। अमावस्या के दिन तुलसी पूजन जरूर करें और साथ ही घी का दीप जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होगा और जीवन में खुशहाली आएगी। मौनी अमावस्या पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए बेल वृक्ष का पूजन जरूर करना चाहिए और शिवलिंग पर भी बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। शास्त्रों में माना गया है कि शनि देव और महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए शमी वृक्ष का पूजन अवश्य करें, क्योंकि शमी को शिवजी और शनि से जोड़ा जाता है।

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