प्रयागराज में यमुना तट पर अकबर का किला स्थित है। यहां से श्रद्धालु संगम तट का नजारा बड़ी आसानी से देख सकते हैं। अकबर के किले में ही अक्षयवट स्थित है। मुगलकाल से इसके दर्शन पर प्रतिबंध लगा था। जब अंग्रेजों का शासन था तो इस किले में जाने की अनुमति नहीं थी। देश आजाद हुआ तो यह किला सेना के अधिपत्य में चला गया। इसके कारण तीर्थ यात्रियों के लिए इस वटवृद्ध का दर्शन दुर्लभ था। हालांकि अब अक्षयवट के दर्शन सबके लिए सुलभ हो गए हैं। लेकिन अब इसकी सुरक्षा में सेना भी लगाई जाएगी। अक्षयवट के मुख्य गेट पर बैगेज स्कैनिंग, और सेना के जवान तैनात रहेंगे। महाकुंभ से पहले अक्षयवट के द्वार खुल जाएंगे ताकि श्रद्धालु यहां कर दर्शन कर सकें। इस स्थान पर भगवान कृष्ण की भव्य प्रतिमा लगाई जा रही है। ग्रीनरी को विकसित करने का कार्य भी कराया जा रहा है।
जोधा वाटिका भी यहां, सौंदर्यीकरण के कराए जा रहे कार्य
किला के पास अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर कारिडोर है, जिसमें सौंदर्यीकरण के कार्य चल रहे हैं। सेना के अधिकारियों की देखरेख में स्मार्ट सिटी मद से अक्षयवट, पातालपुरी एवं सरस्वती कूप कारिडोर की लैंडस्कैपिंग और सौंदर्यीकरण के कार्य चल रहे हैं। अक्षयवट के आगे जोधाबाई द्वार के पास के स्थान को जोधा वाटिका के रूप में विकसित करने के लिए सौंदर्यीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए कुंभ से पहले ही अक्षयवट खोलने की योजना है। भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रवेश एवं निकास मार्गों पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।