उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में चर्चित सौरभ हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा होने के बाद हर कोई हैरत में है। सौरभ की हत्या करने वाली उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और साहिल बचपन से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित विवेकानंद स्कूल में आठवीं क्लास तक साथ पढ़े थे। इसके बाद दोनों अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई करने के लिए चले गए। ब्रह्मपुरी स्थित इंदिरानगर निवासी सौरभ मर्चेंट नेवी में नौकरी करता था। उसके घर के पास मुस्कान के नाना अनिल रस्तोगी रहते थे, जो ज्योतिषी थे। मुस्कान भी ब्रह्मपुरी के गौरीपुरा मोहल्ले नाना के घर आती थी। 2016 में दोनों की मुलाकात हुई और प्रेम हो गया। सौरभ और मुस्कान शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों के परिवार के लोग शादी करने के लिए राजी नहीं थे। हालांकि बाद में दोनों के परिजन मान गए और 2016 में उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद सौरभ नौकरी छोड़ी और परतापुर में प्लाईवुड फैक्टरी में नौकरी करने लगा। 2019 में बेटी पीहू का जन्म हुआ। कुछ दिन बाद सौरभ लंदन चला गया और वहां दोस्त के साथ बेकरी में नौकरी करने लगा। मुस्कान फोन पर सौरभ से बातचीत करती थी और वीडियो कॉल पर बेटी से बात कराया करती थी।
ऐसे हुई साहिल की एंट्री
मुस्कान की जिंदगी में साहिल की एंट्री तब हुई, जब साथियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। इसके माध्यम से मुस्कान की बातचीत साहिल से हुई और पुराना प्रेम जाग उठा। दोनों के बीच पर्सनल चैट होने लगी। शॉप्रिक्स मॉल में इनकी मुलाकात हुई। दोनों कई बार ऋषिकेश और मसूरी घूमने गए। एक बार मकान मालिक ने साहिल और मुस्कान को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया था और इसकी शिकायत सौरभ से की थी। इस पर सौरभ ने फोन पर मुस्कान को खरी खोटी सुनाई थी और कसम दिलाई थी कि वह अब साहिल से नहीं मिलेगी, लेकिन वह फिर भी साहिल से मिलती रही।
तलाक तक की आ गई थी नौबत
सौरभ को यह पता चला तो उसने अपने परिवार से बातचीत की और 2021 में तलाक के कागज भी तैयार करा लिए। बाद में दोनों के बीच सहमति बनी कि तलाक नहीं लेंगे और बेटी के जीवन को देखते हुए साथ-साथ रहेंगे। इसके बाद भी मुस्कान ने साहिल से मिलना नहीं छोड़ा। जब सौरभ यहां आता था तो वह साहिल से नहीं मिलती थी, लेकिन जाते ही फिर मिलने लगती थी।
सौरभ का सिर और कलाइयों से कटे दोनों हाथ
सौरभ की हत्या उसे रास्ते से हटाने के लिए हुई थी। 24 घंटे तक सौरभ का सिर और कलाइयों से कटे दोनों हाथ साहिल के घर रखे रहे। 5 मार्च को दोनों ने प्लानिंग की और नीले रंग का एक ड्रम खरीदा और पॉली बैग के रखे धड़ को उसमें डाल दिया। साहिल और मुस्कान ने मिलकर उन्हें भी ड्रम में डाल दिया। ऊपर से सीमेंट और डस्ट का घोल कर उसमें भरकर उसे सील कर दिया।