महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा में कई गाडिय़ां जला दी गईं ओर दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज तक करना पड़ा, तब जाकर स्थिति काबू में आई। दरअसल नागपुर में हिंसा के पीछे की असली वजह अफ़वाहें थीं। संभाजी नगर में मुगल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग करने विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसमें कुरान को जला देने की अफवाह फैल गई। यह विरोध प्रदर्शन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने किया था। उन्होंने कथित तौर पर कलमा लिखा कपड़ा जला दिया था। इससे मुस्लिम समूहों में आक्रोश फैल गया। अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार की स्थिति बन गई। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया और हिंसा में चार लोग घायल हो गए।
महल में धारा 144 लगाई गई
पुलिस को पथराव और आगजनी के बाद बिगड़ी कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। गृहनगर में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस आयुक्त को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंगल ने महल इलाके में धारा 144 लगा दी है।
चेहरा ढंककर आए थे उपद्रवी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ लोग वहां आए थे और उन्होंने अपने चेहरे ढके हुए थे। उनके हाथों में हथियार थे। उन्होंने दुकानों में तोडफ़ोड़ की और पथराव भी किया। इस दौरान कुछ गाडिय़ों को भी जला दिया। इलाके में डर का माहौल है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है और मामले की जांच कर रही है।