आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला दुबई में खेला जाना है। रविवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खिताबी जंग होगी। इसी से तय होगा कि किस टीम के सिर पर चैंपियन का ताज सजता है। यदि रिकॉर्ड पर नजर डालें तो आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबले में न्यूजीलैंड हमेशा भारत को परेशान करते रहा है। ऐसे में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड से सतर्क रहना होगा। हालांकि लीग मुकाबले में भारत न्यूजीलैंड को बुरी तरह हार चुका है, लेकिन न्यूजीलैंड अक्सर पलटवार करता रहा है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
भारत को यह होगा फायदा
भारत ने अपने सभी में दुबई में खेले हैं। ऐसे में भारतीय टीम वहां की परिस्थितियों से बेहतर तालमेल कर चुकी है। भारतीय टीम चैंपियन ट्रॉफी में अजेय रही है। भारत ने चार मैच खेले हैं और सभी में जीत दर्ज की है। ग्रुप मैच में भी भारतीय टीम न्यूजीलैंड को हरा चुकी है। ऐसे में भारत की नजरें जीत की लय बरकरार रखने पर होगी।
बदला चुकाने का है मौका
भारतीय टीम के पास न्यूजीलैंड से बदला चुकाने का मौका भी है। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 24 साल पहले वर्ष 2000 में भारत को न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा था। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने चार विकेट से जीत दर्ज की थी। यह मैच जिम्बॉब्वे के नैरोबी में खेला गया था।
न्यूजीलैंड को अलग-अलग खेलने पड़े मुकाबला
चैंपियन ट्रॉफी के चार मुकाबले में न्यूजीलैंड को लाहौर, कराची, रावलपिंडी और दुबई में मैच खेलने पड़े। न्यूजीलैंड ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 70,048 किलोमीटर की हवाई यात्रा की है। ऐसे में दुबई जाकर फिर से खेलने न्यूजीलैंड के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। वह भी ऐसे समय में जब ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड की दुबई में भारत के हाथों बुरी तरह हार हुई थी। अब देखना होगा कि क्या फाइनल में भारतीय टीम न्यूजीलैंड को हरा पाती है।