More
    HomeHindi Newsबाबा महाकाल की हुई विशेष 'सेहरा आरती'.. जानें क्या है महत्व और...

    बाबा महाकाल की हुई विशेष ‘सेहरा आरती’.. जानें क्या है महत्व और परंपरा

    मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष सेहरा आरती की गई। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी-अमावस्या तिथि को तडक़े सुबह मंदिर के कपाट खुले। भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष सेहरा श्रृंगार किया गया और बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भगवान ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। उन्हें फल और मिष्ठान्न का भोग लगाया गया।

    जयकारों से गूंज उठा महाकाल लोक

    महाकाल लोक में महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। गुरुवार को हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के पास जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। श्रद्धालुओं ने श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।

    दर्शन और सेहरा लूटने की परंपरा

    महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती से पहले बाबा महाकाल का सेहरा दर्शन और सेहरा लूटने की परंपरा है। इसी कोि सेहरा आरती कहते हैं। बताया जाता है कि साल में एक बार होने वाली भस्म आरती से पहले बाबा महाकाल का सेहरा दर्शन होता है। इस दौरान हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगता है। परंपरा है कि जब भगवान महाकाल का सेहरा उतारा जाता है, तब श्रद्धालु उनके सेहरे के फूल, धान आदि लेने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सेहरे के धान को घर में रखने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद और कृपा बनी रहती है। भगवान के सेहरे के फूल को तिजोरी में रखने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है और मान्यता है कि यहां आने भर से सारे संकट खत्म हो जाते हैं।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments