दिल्ली में मुख्यमंत्री कार्यालय से शहीद भगत सिंह और डॉ बाबासाहब आंबेडकर की तस्वीर हटाने पर राजनीति गर्माई हुई है। आप ने इसे जहां महापुरुषों का अपमान बताया है, तो भाजपा इसे झूठ करार दे रहे हैं। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप पर कहा कि यह आ की एक सोची-समझी साजिश थी। ये लोग राजनीति में नए मानदंड स्थापित करने आए थे, उनसे अपेक्षा की जाती थी कि कम से कम लोकतंत्र में जो उनकी पराजय हुई है वे उसको स्वीकार करेंगे। लेकिन आप झूठ बनाने की मशीन बन गई है और वे झूठे नैरेटिव गढऩे में माहिर हैं। यही काम उन्होंने नए सत्र के पहले दिन किया। दिल्ली की जनता इस बात को समझती है कि बाबा साहेब का अपमान वास्तविक तौर पर कौन कर रहा है।
आप का दोहरा चरित्र
विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप पर भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा कि आप के लोगों ने दोहरा चरित्र दिखाया है। अपने भ्रष्टाचार को छिपाने और सीएजी की रिपोर्ट को दबाने के लिए उन्होंने सदन में शहीद भगत सिंह के नाम का दुरुपयोग किया। इस पर आपको शर्म आनी चाहिए।
क्या अंबेडकर से बड़े हैं मोदी?
आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हमने कहां मना किया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति की तस्वीर नहीं लगनी चाहिए। बिल्कुल लगाएं उनकी तस्वीर लेकिन आपको डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जिन्होंने ये संविधान लिखा और आपको अधिकार दिया यहां तक पहुंचने का और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें नहीं हटानी चाहिए थीं। क्या इनकी तस्वीर हटाकर ही राष्ट्रपति और पीएम मोदी की तस्वीर लग सकती थी ? उन्होंने सारे कार्यालय से डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटाई हैं। बीजेपी को बताना चाहिए कि क्या पीएम मोदी डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से बड़े हैं?