आज महाशिवरात्रि है और दुनियाभर में भगवान भोलेनाथ के भक्त मंदिरों में पूजन अर्चन कर रहे हैं। माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव अति शीघ्र प्रसन्न होकर सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं और सभी कष्ट दूर करके जीवन को खुशियों से भर देते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। माना जाता है कि इस दिन वे बहुत ही प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और थोड़ी सी पूजा में प्रसन्न हो जाते हैं। यदि यह पूजा शुभ मुहूर्त में की जाए तो और भी शुभफलदायी होती है।
जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर भक्त शिव जी को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक किया जाता है। जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाता है। 11 बजकर 7 मिनट से लेकर 12 बजकर 34 मिनट तक का समय भी शुभ है। दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से लेकर 6 बजकर 9 मिनट तक और फिर रात में 8 बजकर 53 मिनट से लेकर 12 बजकर 1 मिनट तक भी पूजा कर सकते हैं। वहीं महाशिवरात्रि पर रात्रि के चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त भी हैं। प्रथम प्रहर की पूजा का महूर्त शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक और दूसरे प्रहर की पूजा का महूर्त रात 9 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 34 मिनट तक है। तीसरे प्रहर की पूजा का महूर्त 27 फरवरी की रात 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक है। वहीं चौथे प्रहर की पूजा का महूर्त 27 फरवरी को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।