मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रिटायर हो गए और उन्होंने अपने विदाई भाषण में अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने भाषण में इस ओर भी देश का ध्यान दिलाया कि कैसे हारने वाले दल अब बिना कोई सोच-विचार और प्रमाण के निर्वाचन आयोग पर उंगली उठा देते हैं।चुनाव परिणाम इच्छा के अनुरूप नहीं आने पर चुनाव आयोग को बलि का बकरा बना दिया जाता है, लेकिन यह सही नहीं है। उन्होंने चुनाव के समय और मतगणना के दौरान फैलने वाली झूठी खबरों और अफवाहों का भी जिक्र किया और इसे गलत ठहराया।
यह एक चिंताजनक चलन है
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव या मतगणना के दौरान भ्रामक बातें फैलाना जानबूझकर की गई कोशिश है। इसका मकसद तथ्यों को तोडऩा-मरोडऩा और मतदाताओं को गुमराह करना है। उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवार और दल पूरी पारदर्शिता के साथ हर चरण में शामिल होते हैं। बिना किसी आपत्ति या अपील के हर कदम में भाग लेने के बावजूद बाद में संदेह पैदा करने की कोशिश करना ठीक नहीं है। आयोग हमेशा सोच-समझकर और संयम से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। यह एक चिंताजनक चलन है और इसे जल्द ही बंद किया जाना चाहिए। राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव के दौरान और मतगणना के समय भ्रामक सूचनाएं फैलाई जाती हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और मतदाताओं को गुमराह करने की एक सोची समझी रणनीति है।