राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयंशकर और कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के बीच अमेरिका की ओर से भेजे गए अवैध प्रवासी भारतीयों के मुद्दे पर गर्मागर्म बहस हुई। सुरजेवाला ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों का सीना छलनी है। सपने जमीन पर, हाथ में हथकड़ी और स्वाभिमान धूमिल हो गया है। ऐसे में मैं सरकार से 4 बातें पूछना चाहूंगा। क्या मोदी सरकार जानती है कि 5 फरवरी को 104 भारतीयों को 40 घंटे की यात्रा में हाथ में हथकड़ी और पांव में जंजीरें पहनाकर अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया, जिनमें 19 महिलाएं भी शामिल थीं। इन सभी के लिए सिर्फ एक शौचालय था। 40 घंटे तक उन लोगों को शौचालय जाने की इजाजत नहीं दी गई और अमेरिका के सैनिक उनके ऊपर हथियार ताने रहे। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार जानती है कि अमेरिका में ऐसे 7.25 लाख भारतीय हैं, जिन्हें अमेरिका इसी तरह से निकालने की तैयारी में है?
भारतीयों के साथ उग्रवादी जैसा व्यवहार
उन्होंने पूछा कि क्या ये भारतीयों के साथ किसी उग्रवादी जैसा व्यवहार है या मानवीय व्यवहार है? क्या उन्हें काउंसलर एक्सेस दिया गया है? रणदीप ने पूछा कि क्या 100 करोड़ रुपए खर्च कर नमस्ते ट्रंप का आयोजन करने वाली मोदी सरकार इन सभी लोगों के लिए अब क्या करेगी? उन्होंने पूदा कि जब कोलंबिया जैसा छोटा सा देश अमेरिका को लाल आंख दिखाकर अपने नागरिकों को अपमानित होने से बचा सकता है, तो नरेंद्र मोदी ऐसा क्यों नहीं कर सकते? मोदी अपने मित्र ट्रंप को 56 इंच का सीना कब दिखाएंगे?
यह कोई नया मुद्दा नहीं, अब सावधानी बरतेंगे
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है। जयशंकर ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वापस लौटने वाले अमेरिका से निर्वासित हर भारतीय के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, एजेंट कौन था और हम कैसे सावधानी बरतें ताकि यह फिर न हो।