वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी की बैठक हुई। इस बैठक में फिर बवाल हुआ। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कई आरोप लगाए। वहीं जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने स्पष्ट किया कि बैठक में बेहतर चर्चा हुई और सभी नियमों का पालन किया गया है। कल्याण का आरोप है कि उन्हें और विपक्षी दलों के सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया गया।
सभी 44 संशोधनों पर चर्चा हुई : जगदंबिका
भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार ने स्पीकर से आग्रह किया था कि हम यह संशोधन वक्फ की बेहतरी और आम जनता के फायदे के लिए ला रहे हैं। जेपीसी के सभी 44 संशोधनों पर चर्चा हुई है। सभी पक्षों ने अपने संशोधन दिए थे।
यह लोकतंत्र का काला दिन है : कल्याण
बैठक के बाद जेपीसी के सदस्य और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि आज उन्होंने वही किया जो उन्होंने तय किया था। उन्होंने हमें बोलने नहीं दिया। किसी भी नियम या प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। शुरू में हमने दस्तावेज, अभ्यावेदन और टिप्पणियां मांगी थीं। वे सभी चीजें हमें नहीं दी गईं। उन्होंने खंड दर खंड चर्चा शुरू कर दी। हमने कहा कि पहले चर्चा करते हैं। जगदंबिका पाल ने चर्चा ही नहीं होने दी। फिर वे संशोधन प्रस्ताव लेकर आए। कल्याण ने कहा कि हम सभी को संशोधन प्रस्ताव पर बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने खुद प्रस्ताव पेश किया, गिना और घोषणा की। इसी के साथ ही सभी संशोधन पारित हो गए। हमारे संशोधन खारिज कर दिए और उनके संशोधन को अनुमति दे दी। यह एक दिखावा था। यह लोकतंत्र का काला दिन है। जगदंबिका पाल लोकतंत्र के सबसे बड़े ब्लैकलिस्टर हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है।