समाजवादी पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी महाकुंभ पर सवाल उठाए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां महाकुंभ के श्रद्धालुओं के आंकड़ों को फर्जी बताया तो अब कांग्रेस ने पूरे आयोजन पर ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने अपने एक्स हैंडल पर इस पर सवाल उठाए हैं।
बचपन इलाहाबाद में बीता
श्रीनेत ने कहा कि कुंभ का महात्म बचपन से ही देखा है। मेरी दादी की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हुई। स्वतंत्रता सेनानी परिवार से थी तो अंग्रेज़ों ने पिता को कई बार जेल भेजा तो जीवन का बहुत लंबा समय इलाहाबाद जो अब प्रयागराज कहलाता है, में ही बिताया। उन्होंने कहा कि कुंभ की कहानियाँ उन्हीं से पहली बार सुनी थीं। कुंभ और अर्धकुंभ के भव्य आयोजनों में सनातन संस्कृति, साधुओं, नागा बाबाओं, अध्यात्म और आस्था का अद्भुत रूप भी देखा है।
यूट्यूब व्यूज और टीवी टीआरपी की होड़
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस बार कुंभ में सोशल मीडिया और मीडिया के जमाने में धार्मिक परंपराओं और आत्मदर्शन से हटकर सारा फोकस किसी आईआईटी वाले बाबा, किसी नीली आँखों की शिष्या, किसी माला बेचने वाली सुंदरी जैसी चीज़ों पर है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म पर पूरी तरह भोंडी भौतिकता हावी है। कोई बाबा मल खाने और 8 महीने से मंजन ना कहने पर कुछ कहता है तो उसके सामने यूट्यूबर्स की लाइन लग जाती है। लेकिन कुंभ आए साधुओं की तपस्या, उनके ज्ञान, अखाड़ों की विशेषता, धार्मिक दर्शन पर कोई विशेष चर्चा सुनाई नहीं दे रही। यूट्यूब व्यूज़ और टीवी टीआरपी की होड़ में कुंभ जैसे महापर्व के महात्म को बौना करना ग़लत है। यह होता देख अच्छा नहीं लग रहा।