फेसबुक के फाउंडर और मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कुछ दिन पहले पॉडकास्ट में भारत को लेकर गलत बयानबाजी कर दी। उन्होंने कह दिया कि कोविड-19 के बाद दुनियाभर में जितने भी चुनाव हुए हैं, उनमें वहां पर सरकारों को हार का सामना करना पड़ा है। इसमें भारत भी शामिल है। जकरबर्ग ने कहा कि सरकारों की हार दिखती है कि कोविड महामारी के बाद लोगों का भरोसा सरकारों पर कम हुआ है। उनके इस बयान पर भाजपा ने कड़ी टिप्पणी की है। भाजपा का कहना है कि मार्क जकरबर्ग का यह दावा गलत है, क्योंकि 2019 के बाद 2024 में हाल ही में हुए चुनाव में एनडीए को तीसरी बार जनादेश मिला है और उसकी सरकार बनी है। ऐसे में मार्ग जकरबर्ग का यह बयान पूरी तरह गलत है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोशल मीडिया पर उनको जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मार्क जकरबर्ग का दावा पूरी तरह गलत है। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
समन जारी करने की थी तैयारी
आईटी और कम्युनिकेशन मामलों के संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने एक्स प्लेटफार्म पर कहा कि मार्क जकरबर्ग की टिप्पणी के लिए संसदीय समिति मेटा को समन जारी करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन्म विश्वास हासिल है। इसके बाद मेटा भारत के अधिकारी ने आखिर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांग ली है। मेटा ने लिखा कि यह जीत भारत के आम नागरिकों की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर दुनिया का देश के सबसे मजबूत नेतृत्व से परिचय करवाया है। अब इस मुद्दे पर हमारी कमेटी का दायित्व खत्म होता है। अन्य विषयों पर हम इन सोशल प्लेटफॉर्म को भविष्य में बुलाएंगे।