रूस भारत का पुराना दोस्त है। यही वजह है कि दोनों के बीच जितनी गहरी दोस्ती है, उतना ही गहरा विश्वास भी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरा दोस्ताना है। यही वजह है कि जब पूरी दुनिया और सुपरपावर अमेरिका भी रूस के खिलाफ खड़ा हुआ, तब भारत अपने दोस्त के साथ खड़ा रहा। अब इसी दोस्ती को निभाने के लिए पुतिन भारत का दौरा करेंगे। हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत में भारत आने वाले हैं। संभावना है कि इस दौरे पर पुतिन भारत को एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट ऑफर कर सकते हैं। पुतिन के इस दौरे से चीन और पाकिस्तान अलर्ट हो गए हैं। पुतिन का यह दौरा दोनों पड़ोसी देशों को जवाब भी माना जा रहा है।
भारत के लिए अहम है एसयू-57 लड़ाकू विमान
दरअसल यह रूस का पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है। खास बात यह है कि अगले महीने फरवरी में एयरो-इंडिया 2025 के दौरान रूस का सुखोई एसयू-57 लड़ाकू विमान भारत आ सकता है। रूस का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर एसयू-57, बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर भारत और दुनियाभर के अन्य फाइटर जेट्स की प्रभावशाली लाइनअप के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। बताया जाता है कि यह विमान भारत के रक्षा विश्लेषकों और नीति निर्माताओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इसलिए बढ़ी भारत की चिंता
भारतीय वायुसेना में तेजी से घटते लड़ाकू विमानों की संख्या पर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने चिंता जताई थी। उन्होंने तेजस लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। ऐसे में सुखोई द्वारा निर्मित एसयू-57 दुनिया के सबसे उन्नत स्टील्थ फाइटर जेट में से एक है। विमान ने पिछले साल नवंबर में चीन के एयरो शो सहित अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हाल ही में इसे रूस की वायुसेना में शामिल किया गया था। रूस द्वारा विकसित पहले पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के रूप में एसयू-57 से स्टील्थ स्पीड के मामले में अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है, जोचौथी पीढ़ी के फाइटर जेट से अलग और उन्नत है।
इसलिए जरूरी है पांचवीं पीढ़ी का विमान
भारत अगर रूस से एसयू-57 फाइटर जेट खरीदता है तो उसे रणनीतिक बढ़त मिलेगी। चीन ने कुछ दिनों पहले ही छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया। पाकिस्तान ने भी चीन से जे-35 विमान खरीदने का ऐलान किया है। ऐसे में भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की सख्त जरूरत है।