15 अगस्त 2021 को जब अमेरिका ने अफगानिस्तान की धरती से अपना बोरिया-बिस्तर समेटा तो कई देश बेहद डरे हुए थे। भारत भी इससे तनाव में आ गया था क्योंकि तालिबान भारत विरोधी रहा है। तालिबान लड़ाके अक्सर कश्मीर में घुसपैठ करते रहे हैं। पाकिस्तान से तालिबान की करीबी के कारण फिर से आतंकवाद बढऩे की आशंका थी। यही नहीं जब अफग़़ानिस्तान में भारत के कई प्रोजेक्ट चल रहे थे तो सरकार ने उन पर रोक लगा दी और अपने अधिकारी-कर्मचारियों को वापस बुला लिया था, लेकिन 4 साल में ही हालात पूरी तरह बदल गए हैं। अब न सिर्फ अफगानिस्तान भारत का दोस्त है बल्कि भारत ने भी दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। भारत ने अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान के साथ पहली बार उच्च स्तर पर संपर्क किया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों पक्षों ने विपक्षी संबंधों के साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। भारत के इस दांव से पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं। उसके सामने दोनों ओर से खतरा बढ़ गया है। एक तरफ तालिबान है तो दूसरी तरफ भारत। इसके साथ ही बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया है।
भारत ने रखा था सीमित संपर्क
इससे पहले भारत ने तालिबान के साथ सीमित संपर्क की रखा था, लेकिन यह भारत की कूटनीति ही है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पाकिस्तान से दूर होती गई। तब भारत ने वेट एंड वाच की भूमिका निभाई। अब स्थिति यह है कि तालिबान और पाकिस्तान दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हैं। पाकिस्तान जहां अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक कर रहा है तो तालिबान लड़ाके भी सीमा पर पाक सैनिकों का कत्लेआम मचाए हुए हैं। इन परिस्थितियों में भारत ने तालिबान का साथ दिया है और अब उसके साथ तगड़ा संपर्क स्थापित कर दोस्ती का हाथ भी बढ़ा दिया है।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह कहा
अफगान विदेश मंत्री ने इस समर्थन के लिए भारतीय नेतृत्व का धन्यवाद दिया है। भारत ने भी आश्वासन दिया कि निकट भविष्य में विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर वह विचार करेगा। इसके साथ ही अफगान लोगों की मदद करते रहेगा। भारत अफगानिस्तान को और ज्यादा सहायता पर विचार कर रहा है। भारतीय विशेष विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगान लोगों की तत्काल विकासात्मक जरूरत को पूरा करने के लिए भारत तत्पर रहेगा।
क्रिकेट में सहयोग बढ़ेगा
भारत और तालिबान मानवीय सहायता कार्यक्रमों का मूल्यांकन किया। दोनों पक्षों ने क्रिकेट सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की, जिससे अफगानिस्तान की युवा पीढ़ी आगे आ सके। अभी अफगानिस्तान के क्रिकेटर भारत में प्रशिक्षण लेते हैं। इसके अलावा जब हर बंदरगाह की उपयोगिता को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी है। दोनों पक्षों ने संपर्क में बने रहने और विभिन्न स्तरों पर नियमित संपर्क जारी रखने पर सहमति व्यक्ति की है।