भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल का मुंबई में निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट अस्पताल से ले जाया गया। श्याम बेनेगल की बेटी पिया बेनेगल भी मौजूद रहीं। फिल्म निर्देशक को क्रोनिक किडनी रोग के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। श्याम बेनेगल के निधन से एक युग का अंत हो गया। उन्होंने हमेश विदेशी विचारधारा से परहेज किया और देश की संस्कृति को आगे बढ़ाया। उन्होंने 1974 में अंकुर से शुरुआत की। 2023 में आई मुजीब : द मेकिंग ऑफ ए नेशन तक उन्होंने 50 साल में 20 से ज्यादा फिल्में बनाईं। उनकी खास फिल्मों में निशांत, भूमिका, मंथन, जुनून, मंउी और सूरज का सातवां घोड़ा रहीं।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर कहा कि श्याम बेनेगल के निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है। उन्होंने एक नए तरह के सिनेमा की शुरुआत की और कई क्लासिक फिल्में बनाईं। सच्चे संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया। उनके असाधारण योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में उन्हें मान्यता मिली। उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया।
पीएम, सीएम समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्याम बेनेगल के निधन से बहुत दु:ख हुआ, जिनकी कहानी कहने की कला ने भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव डाला। उनके काम को विभिन्न क्षेत्रों के लोग हमेशा सराहते रहेंगे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज हम सभी के लिए बहुत ही दुखद अवसर है कि प्रसिद्ध निर्देशक श्याम बेनेगल का दुखद निधन हुआ है। उन्होंने समानांतर सिनेमा को सामने लाने का काम किया और समानांतर सिनेमा क्या होता है यह पूरी दुनिया और देश को बताया। उन्होंने जिस प्रकार से भारतीय सिनेमा की सेवा की, वो अद्वितीय है। उनके जाने के बाद हमारे सिनेमा में एक युग का अंत हुआ है।
- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से आम आदमी के संघर्ष और सवालों को पेश करने वाले दिग्गज निर्देशक पद्मश्री श्याम बेनेगल के निधन से फिल्म उद्योग में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उन्होंने अपनी फिल्मों में जो कहानियां और मुद्दे पेश किए, वे विचारोत्तेजक और स्तब्ध करने वाले थे। फिल्म उद्योग ने एक ऐसा कलाकार खो दिया है, जो सामाजिक मुद्दों पर प्रभावी ढंग से टिप्पणी करता था।