राजस्थान के जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी ने कहा कि अटल जी के कार्यकाल में नदियों को जोडऩे का विजन प्रस्तुत किया गया था। इसका मकसद यह था कि जहां नदियों में ज्यादा पानी है, बेवजह बह रहा है, उसे उन सूखी नदियों तक पहुंचाया जाए, ताकि पानी की किल्लत खत्म हो जाए। 2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार आई, उसने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। मैंने मुख्यमंत्री रहते प्रयास किए, लेकिन कांग्रेस ने इसे रोकने के लिए हर हथकंडे अपनाए। अब हमारी सरकार इन योजनाओं को मूर्तरूप दे रही है और वह भी बिना किसी विरोध के।
जनता पूछेगी सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह की तस्वीर आज आई है, दो राज्यों ने समझौता किया है। आने वाले समय हर राज्य में ऐसा होना चाहिए। जो नहीं कर रहे हैं, उनसे जनता सवाल पूछेगी कि आपने पानी की समस्या का समाधान क्यों नहीं किया। आखिर एक कागज में हस्ताक्षर करने में क्या बुराई है। जनता पूछेगी कि आप ऐसी कौन सी राजनीति कर रहे हो।
20 साल पुराना झगड़ा सुलझा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 20 साल पुराना जल का झगड़ा लंबे समय तक हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चला और दोनों राज्य के लिए ये जल योजना की सौगात सच में पीएम मोदी का आशीर्वाद हमें मिल रहा है। मैं पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दूंगा। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी संबोधित किया।


