उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम का भव्य मंदिर उस नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न अंग है जिसका शुभारंभ सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1948 में सोमनाथ के मंदिर से किया था। उनके नेतृत्व में भारत नई ऊंचाइयों को छूता, लेकिन उनके निधन के बाद उनकी अवधारणाओं को मूर्त रूप देने के लिए देशभर में जो अभियान चल रहा है, यह अवश्य एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा।
दंगा-फसाद कैसे कंट्रोल किए जाते है, हम लोग जानते हैं
योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में वल्र्ड हिन्दू इकोनॉमिक फोरम-2024 को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक-सांस्कृतिक एकात्मता के समागम प्रयागराज महाकुम्भ-2025 को दिव्यता और भव्यता के साथ आयोजित करने के लिए हम तत्पर हैं। पिछली सरकार अपने को समाजवादी कहती थी, लेकिन बकिंघम की बग्गी में बैठकर गौरवान्वित भी महसूस करती थी। योगी ने कहा कि दंगा-फसाद कैसे कंट्रोल किया जाता है, हम लोग जानते हैं। भारत तो कह रहा है कि अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का भेद समाप्त होना चाहिए। सब लोगों पर एक समान कानून लागू होना चाहिए। जो लोग आज आतंकवाद को पल्लवित और पोषित कर रहे हैं, यह लोग हमारी विरासत पर दावेदारी करते हैं, जब इनका कहीं अता-पता नहीं था, बीज भी नहीं फूटा था, तब भी हमारी विरासत थी। योगी ने कहा कि हम रामराज्य की बात करते हैं- दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥