महाराष्ट्र में पिछले माह नतीजों के बाद से लगातार सियासत गर्म है। विपक्ष ने अपनी करारी हार को अभी तक कबूला नहीं है। यही वजह है कि सरकार के शपथ ग्रहण के विरोध के बाद कल एमवीए विधायकों ने विरोध स्वरूप अपने पद की शपथ भी नहीं ली। शिवेसना उद्धव गुट लगातार ईवीएम पर सवाल उठा रहा है, तो कांग्रेस भी हमलावर है। ऐसे में आज उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सामने आए और विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया।
जहां उनकी जीत होती है तो ईवीएम अच्छा है
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष को महाराष्ट्र की जनता ने जो साफ बहुमत दिया है, उसका स्वागत करना चाहिए। हमारी 2.5 साल की महायुति की सरकार ने इतना काम किया है, इतनी योजनाओं को लागू किया है जिसका परिणाम ये आया है। हमारी सरकार ने इतने ऐतिहासिक काम किए हैं, जिसे सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। शिंदे ने कहा कि अभी झारखंड में चुनाव हुआ, वायनाड में चुनाव हुआ। जहां-जहां विपक्ष की जीत होती है तो ईवीएम अच्छा है। यह पिछले कई सालों से जारी है।
कुछ बिंदु का फर्क था जिसे मिटा दिया
शिंदे ने कहा कि लोकसभा में महायुति को 43.55 प्रतिशत वोट मिले थे और महाविकास अघाड़ी को 43.71 प्रतिशत वोट मिले। केवल कुछ बिंदु का फर्क है इसलिए हमें 17 सीटें और उन्हें 31 सीटें मिलीं। तब उन्होंने ईवीएम के घोटाले की बात नहीं उठाई? बहुमत का विपक्ष को स्वागत करना चाहिए और इस राज्य के विकास में सहयोग करना चाहिए। कल उन्होंने ईवीएम के घोटाले का हवाला देते हुए शपथ नहीं ली, लेकिन आज शपथ ले ली तो क्या आज से ईवीएम का घोटाला खत्म हो गया? शिंदे ने कहा कि यह आम जनता की सरकार है। किसी के ऊपर भी अन्याय नहीं होने देंगे।
सत्ता के लोगों को लोकतंत्र से कोई लेना-देना नहीं
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता को आज भी लगता है कि ये सरकार वोटों से नहीं बनी है। सत्ता के लोगों को लोकतंत्र से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जनता की भावना बता रहे हैं। भाजपा को हम पर तंज करने का कोई अधिकार नहीं है।
ये देश सत्यमेव जयते पर चलता है :आदित्य
मालशिरस विधानसभा क्षेत्र में मतपत्रों के जरिए दोबारा चुनाव कराने की मांग पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जनता की मांग केवल यही है कि वहां बैलेट पेपर पर मॉकपोल किया जाए। मॉकपोल से कुछ बदलने वाला नहीं है। लेकिन ये तो पता चलेगा कि सत्य क्या है। ये देश सत्यमेव जयते पर चलता है, सत्ता मेव जयते पर नहीं। आज देश की जनता पूछ रही है कि जीत और हार का सत्य क्या है?