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    संविधान दिवस को जोर-शोर से मनाने की तैयारी.. मोदी सरकार ने इसलिए लिया निर्णय

    देश में 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस मनाया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सदन में दोनों सदनों के सदस्यों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। हम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी जारी करने वाले हैं। संविधान से जुड़ी कई चीजें प्रकाशित होने वाली हैं। रिजिजू ने कहा कि संविधान की मूल भाव को जनता तक ले जाने का प्रयास हम सभी को करना चाहिए। यह संविधान दिवस का 75वां वर्ष है, इसलिए इसे देश में सालभर मनाया जाएगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनकी टीम ने इस देश को जो संविधान दिया है, हम लोग दूर-दराज, गांव-गांव तक लोगों के पास संविधान के मूल्यों को लेकर जाएंगे, ताकि सभी को संविधान का मूलभाव अच्छे से समझ आए।

    25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा सत्र

    संसद में सर्वदलीय बैठक पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विषय तो बहुत हैं। कुछ विषयों पर चर्चा के लिए सभी ने कहा है लेकिन हम चाहते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में अच्छे से चर्चा हो। सरकार तैयार है, किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए। सदन अच्छे से चले और हंगामा ना हो। हर सदस्य चर्चा में भाग लेना चाहता है लेकिन सदन अच्छे से चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र को अच्छे से चलाने के लिए सभी का सहयोग चाहिए और सबकी भागीदारी जरूरी है। संसद का शीतकालीन सत्र कल 25 नवंबर से शुरू होगा और 20 दिसंबर तक चलेगा।

    इसलिए हो रही तैयारी

    लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान की किताब लहराते हुए भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरक्षण को खत्म करने की तैयारी करने का आरोप भी लगाया था। इस फायदा भी हुआ और कांग्रेस 99 सीटें जीत गई, जबकि भाजपा 240 के आसपास थम गई। तब से वे हर चुनाव में संविधान की किताब लहराते हैं। इसलिए भाजपा चाहती है कि संविधान दिवस को जोर-शोर से मनाया जाए, ताकि विपक्ष के मिथक को तोडक़र आपातकाल और डॉ. आंबेडकर के अपमान की याद दिलाई जाए।

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