हरियाणा में सीएम नायब सिंह ने पद संभाल लिया है। इसके साथ ही कांग्रेस उन पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने पराली और MSP को बड़ा मुद्दा बना लिया है। पूर्व सीएम हुड्डा और सुरजेवाला ने सैनी पर हमला बोला है।
किसान को डराने का प्रयास किया जा रहा
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पराली जलाने पर हरियाणा सरकार के आदेश पर कहा कि NGT ने भी कहा है कि प्रदूषण केवल पराली से नहीं हो रहा है। पराली न जलाई जाए इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। पराली की खरीद होनी चाहिए। किसानो को डराने का प्रयास किया जा रहा है। हुड्डा ने कहा कि किसान से बातचीत करके खेती को लाभदायक बनाया जाना चाहिए और पराली को भी खरीदकर उसका उपयोग किया जाना चाहिए। उससे भी काफी लाभ हो सकता है। बिजली भी पैदा की जा सकती है। किसान पर दबाव बनाने के बजाय उसे राहत दी जानी चाहिए।
सरकार ने पहले ही दिन फरमान जारी कर दिया
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार के बनने के पहले दिन ही भाजपा की सरकार ने किसान की MSP को खत्म करने का फरमान जारी कर दिया है। पराली जलाने के लिए एक तरफ किसान पर FIR दर्ज होगी और दूसरी तरफ 2 साल तक किसान की फसल MSP पर नहीं खरीदी जाएगी। यह सीधे-सीधे नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का किसान विरोधी षड्यंत्र है। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों ने हरियाणा में भाजपा को वोट नहीं दिया? क्या MSP को चोर दरवाजे से खत्म करने का सीधे-सीधे षड्यंत्र नहीं है? किसान अगर पराली ना जलाएं तो विकल्प क्या है? क्या नायब सिंह ये बताएंगे कि हरियाणा के कितने किसानों को हैप्पी सीडर मशीन उपलब्ध करवाई गई है? 50 प्रतिशत सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैप्पी सीडर मशीन की लागत 75 हजार तक पड़ती है. गरीब और छोटे किसान ये पैसे कहां से लाएंगे? क्या सीएम ये जानते हैं कि किसान और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय दोनों कह रहे हैं कि हैप्पी सीडर मशीन से खेती की उत्पादकता कम हो जाती है? क्या सरकार ने कोई शोध करवाया है? सरकार इन सवालों का जवाब दे और ये तुगलकी फरमान तुरंत वापस ले। नहीं तो देशव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहें।