उत्तराखंड में रामलीला का जगह-जगह मंचन हो रहा है। देवभूमि में देहरादून की पर्वतीय रामलीला सबसे अलग हटकर है। इस रामलीला में सचिवालय और विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारी मंचन करते हैं। ये सभी सुबह से शाम तक अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं और शाम होते ही रामलीला में अपने किरदार को निभाते हैं। पर्वतीय रामलीला कमेटी के संरक्षक जीवन सिंह बिष्ट सचिवालय में मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं। वे रामलीला में रिहर्सल से लेकर स्टेज के आगे और पीछे हर जगह की बागडोर तक संभालते हैं। वे रामलीला का नेतृत्व करते हैं।
ये किरदार निभाते हैं अधिकारी-कर्मचारी
- विधानसभा में सचिवालय सहायक के पद पर कार्यरत नकुल बधानी श्रीराम के किरदार के बाद अब विश्वामित्र और कैकई का किरदार निभा रहे हैं। वे नैनीताल में सीता-लक्ष्मण का किरदार निभाते थे।
- संदीप ढैला विधानसभा में कंप्यूटर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। वे 10 साल से रावण का किरदार निभा रहे हैं। यहां से पहले गांव में मंचन करते थे।
- शेर सिंह बिष्ट मुख्यमंत्री की फ्लीट में ड्राइवर हैं। वेे 14 साल से रामलीला में मंचन कर रहे हैं। बिष्ट इस बार ताडक़ा का किरदार निभा रहे हैं। इसके साथ ही मारीच का भी किरदार निभा रहे हैं।
- विधानसभा में असिस्टेंट मार्शल के पद पर कार्यरत संजय नैनवाल रामलीला में इस समय बाणासुर का किरदार निभा रहे हैं।
- कैलाश पांडे सचिवालय में अनुभाग अधिकारी के पद से रिटायर हैं। ये पिछले 14 साल से रामलीला में मंचन कर रहे हैं। वे दशरथ का किरदार निभा रहे हैं। दून से पहले पिथौरागढ़ में भी रामलीला का मंचन किया हैं।


