उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला को एक नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अयोध्या में भगवान श्रीरामलाल को ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम भेंट किए तो इसकी चर्चा राष्ट्रीय पटल पर हुई। दरअसल यह पहल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। सीएम ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा-काम कोटि छबि स्याम सरीरा। नील कंज बारिद गंभीरा॥ अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखंड की ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम् समस्त देवभूमिवासियों की प्रभु श्री राम के प्रति असीम आस्था व श्रद्धा का अनुपम प्रतीक है। यह पावन वस्त्र श्रम साधकों ने निर्मित किए हैं। सीएम धामी ने कहा कि यह हम सभी उत्तराखंडियों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण हैं।
सीएम की प्रेरणा से किए तैयार
शुभवस्त्रम को उत्तराखंड के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया था। शुभवस्त्रम में न केवल प्रदेश की ऐपण कला नजर आती है, बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश की लोक कला, संगीत, नृत्य और शिल्पों के संवर्धन की दिशा में लगातार अनेक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। सीएम धामी राज्य के युवाओं को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोडऩे और इसे संजोने की प्रेरणा दे रहे हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला और संस्कृति की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई देने लगी है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उत्तराखंड की लोक कलाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे राज्य को वैश्विक पहचान और सम्मान मिल रहा है।