छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अब अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र खोले जाएंगे। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां के लोग गेहूं की जगह चावल ज्यादा खाते हैं। यही वजह है कि सीएम साय ने सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र खोलने का ऐलान किया है। यह योजना श्रमिकों समेत गरीबों के लिए होगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र के साथ पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में नि:शुल्क अध्ययन की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा भी उन्होंने की।
श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने श्रमिकों को विश्वकर्मा दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। 57 हजार से अधिक पंजीकृत परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री साय ने श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा शुरू किए गए श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने ढाई से 3 साल तक केंद्र में श्रम राज्य मंत्री के रूप में काम किया था। तब श्रमिकों को बहुत ही कम पेंशन राशि मिलती थी। प्रधानमंत्री की पहल पर यह राशि बढ़ाकर एक हजार रुपए की गई। प्रोविडेंट फंड बनाकर श्रमिकों को यूनिवर्सल नंबर आबंटित किए गए। अब श्रमिकों को देश के किसी भी स्थान जाने पर इस स्थायी नंबर के जरिए विभिन्न लाभ मिलते हैं। जो श्रमिक पीएफ की राशि क्लेम नहीं करते थे, उन्हें 27 हजार करोड़ रुपए दावा राशि का भुगतान कराया गया।
सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज श्रमिकों के बीच कोई बिचौलिया नहीं आएगा। श्रमिकों को अब राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। श्रमिकों के लिए संचालित अनेक कल्याणकारी योजनाएं पिछली सरकार ने बंद कर दी थी, मुख्यमंत्री साय उन योजनाओं को पुन: शुरू कर रहे हैं। श्रम मंत्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश के श्रमिकों के हित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 235 करोड़ रूपए अलग-अलग योजना के माध्यम से सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है, जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है।
शंका, समस्या का निवारण घर बैठे कर सकते हैं
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि श्रमेव जयते एप और शिकायत निवारण पोर्टल व टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। अब श्रमवीर किसी भी समय अपनी शंका, समस्या का निवारण घर बैठे कर सकते हैं। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी हैं। इनके दम पर ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए हमारी सरकार हमेशा कार्यरत है। श्रमवीरों के बच्चों के भविष्य व शिक्षा के लिए हमें बेहतर से बेहतर प्रयास करना चाहिए।