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    प्रयागराज महाकुंभ 2025 : मंत्रमुग्ध करेगी गंगा आरती, आध्यात्मिक समागम और पेशवाई

    उत्तर प्रदेश का प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 का अनुभव अद्भुत होने वाला है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह एक भव्य आध्यात्मिक समागम है। यूपी की योगी सरकार इस धार्मिक समागम को अकल्पनीय बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। महाकुंभ में लाखों तीर्थयात्रियों को आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही पवित्र जल में अपनी आत्मा को शुद्ध करने के दौरान खुद को दिव्य आभा में डुबोने का संयोग भी करोड़ों श्रद्धालुओं को मिलने वाला है। मंत्रमुग्ध करने वाली गंगा आरती, दिव्य संगम, जीवंत हाट बाजार और समर्पित कल्पवासियों को देखना किसी सुखद अनुभव से कम नहीं होगा। आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि की इस परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने का सपना हर कोई संजोए हुए हैं।

    महाकुंभ मेले में खास होगा अनुष्ठान और समारोह

    महाकुंभ मेला अपने प्रचीन और पवित्र अनुष्ठानों के लिए बेहद प्रसिद्ध है। इन सभी आयोजनों को अत्यंत भक्ति और श्रद्धा के साथ किया जाता है। शाही स्नान आयोजन के दौरान सबसे आकर्षक समारोहों में से एक होगा। भगवा वस्त्र पहने साधु, तपस्वी और तीर्थयात्री पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, जो पापों को धोने और उनकी आत्माओं को शुद्ध करने का प्रतीक है। महाकुंभ मेले में साधुओं के विभिन्न संप्रदायों, अखाड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ये आध्यात्मिक योद्धा योग, ध्यान और शास्त्र पाठ जैसे विभिन्न विषयों में अपने कौशल और ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं तो लोग देखते ही रह जाते हैं। यह उनमें विस्मय और प्रशंसा की भावना उत्पन्न करता है।

    महाकुंभ में पेशवाई होती है खास

    महाकुंभ के अविस्मरणीय आयोजन में आगंतुक मनमोहक जुलूस देखते हैं, जिसे पेशवाई के रूप में जाना जाता है। यहां पूज्य संत और तपस्वी भव्य प्रवेश करते हैं तो सजे हुए हाथियों, घोड़ों और रथों को देखते ही बनता है। मंत्रों और भक्ति गीतों के जाप से पूरा महाकुंभ गूंज उठता है। इससे आध्यात्मिकता और भक्ति का एक आकर्षक वातावरण बनता है, जो इस महाकुंभ को बेहद अविस्मणीय बना देता है।

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