हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होनीर है, लेकिन इसके पहले कई पार्टियों ने चुनाव में एंट्री मार ली है। एक तरह पहले से ही आईएनएलडी, जेजेपी जैसे दल हैं, जो अपसेट की तैयारी में हैं। वहीं बसपा का ऑलरेडी आईएनएलडी से गठबंधन हो चुका है। इस बीच आप भी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है। वहीं अब उप्र की एक और बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने हरियाणा के चुनाव में एंट्री मार ली है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यादव और मुस्लिम बहुत सीटों पर दावा करते हुए 5 सीटें मांगी हैं। हालांकि हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीट शेयरिंग से इंकार कर दिया है। सपा का मानना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव बहुल और 7 सीटें मुस्लिम बहुल हैं। सपा इनमें से कम से कम 5 सीटों पर लडऩा चाहती है।
कहीं दबाव की राजनीति तो नहीं
दरअसल उप्र में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से सपा 9 सीटों पर लडऩा चाहती है, लेकिन कांग्रेस ने अभी इस पर हरी झंडी ने दी है। ऐसे में अखिलेश हरियाणा में अपना दावा ठोंककर कांग्रेस को मुसीबत में डालना चाहते हैं। यह दबाव की राजनीति भी हो सकती है। इससे पहले भी सपा मप्र विधानसभा में सीटें मांग चुके हैं। हालांकि क्षेत्रीय नेता सपा को सीटें देने से इंकार करते रहे हैं।
हुड्डा ने आप-सपा को दिया दोटूक जवाब
पूर्व सीएम दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आप और सपा का केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस का गठबंधन है और तीनों पार्टियां इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। हरियाणा में राज्य स्तर पर ऐसा कोई गठबंधन नहीं है। ऐसे में कांग्रेस राज्य में न तो आप से कोई गठबंधन करेगी और न ही समाजवादी पार्टी को कोई सीट देने पर चर्चा की है। हुड्डा के इस रुख से लग रहा है कि वे राज्य में सपा या आप को पैर जमाने नहीं देना चाहते हैं।