उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को अभूतपूर्व बनाने की दिशा में कई कदम उठा रही है। इस बार का महाकुंभ ग्रीन और क्लीन होगा। इसके लिए योगी सरकार ने लाखों पौधे रोपने का इंतजाम कर दिया है। साथ ही प्रदूषण से बचाने के लिए कई फैसले लिए हैं। योगी सरकार ने 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ को प्लास्टिक रहित और पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने का निर्णय लिया है। संतों ने भी प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तनों के बजाय दोना-पत्तल और मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
कुल्हड़ के प्रयोग से मेला प्रदूषण मुक्त होगा
ओम नम: शिवाय आश्रम में हुए एक कार्यक्रम में दोना-पत्तल और मिट्टी के बर्तन तैयार करने वाले मुसहर समाज के लोगों और कुम्हारों को सम्मानित किया गया। अतिथियों ने कहा कि महाकुंभ में दोना-पत्तल और कुल्हड़ का प्रयोग करने से मेला प्रदूषण मुक्त होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मेला प्राधिकरण के एडीएम दयानंद ने कहा कि सरकार के फैसले का सम्मान करने वाली धार्मिक संस्थाओं को महाकुंभ में विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि दोना-पत्तल और मिट्टी के बर्तन बनाने वाले लोगों को मेले में जमीन और सुविधाएं भी दी जाऐगी।
दुकानें बनाकर दी जाएंगी
उन्होंने बताया कि दुकानें भी बनाकर दी जाएंगी, ताकि वे दोना-पत्तल और मिट्टी के बर्तन महाकुंभ में उपलब्ध करा सकेंगे। इस फैसले से जहां एक ओर दोना पत्तल और बर्तन बनाने वालों को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ मेला प्रदूषण से मुक्त रहेगा। प्रयागराज महाकुंभ मेले का आयोजन 2025 में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। इस पर्व में पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का रिवाज है, जिसे पापों का नाश करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रयागराज में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।