हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में सभी पार्टियां जुटी हुई हैं। कांग्रेस को लग रहा है कि उसके पास 10 साल का वनवास खत्म करने का मौका है, तो भाजपा इस चुनाव को जीतकर हैट्रिक पूरी करने के मूड में है। इस बीच कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में यहां सिर फुटौव्वल की स्थिति ज्यादा देखने को मिल सकती है। ऐसी परिस्थितियों में बगावत का खतरा कांग्रेस पर ज्यादा मंडरा रहा है। भाजपा में दावेदारों की संख्या कम होने से सुकून की स्थिति है। यही वजह है कि टिकट वितरण में भाजपा बाजी मार सकती है तो कांग्रेस में मंथन का दौर अभी शुरू होना है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीट हैं, जिनमें एक अक्टूबर को मतदान होगा। चार अक्टूबर को मतगणना के साथ स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी।
कांग्रेस में 2500 तो भाजपा में 650 दावेदार
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस में टिकट के दावेदार 2500 हैं तो भाजपा में 650 हैं। यानि 90 सीटों वाले हरियाणा में एक सीट पर कांग्रेस के औसतन 27 तो भाजपा के औसत 7 नेता टिकट मांग रहे हैं।चुनाव में भले ही कांग्रेस के दावेदार अधिक दिख रहे हैं, लेकिन कई सीटों पर भाजपा में भी बगावत का खतरा कम नहीं है। हरियाणा विधानसभा की हॉट सीटों में से एक है नीलाखेड़ी। इस आरक्षित सीट से कांग्रेस की ओर से टिकट के लिए सबसे ज्यादा 88 दावेदार सामने आए हैं। 2019 में नीलाखेड़ी सीट से निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी। आरक्षित सीट गुहला-चीका से 60 ने टिकट के लिए दावेदारी जताई है। पिछली बार यहां से जेजेपी ने जीत दर्ज की थी।