कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार लेटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने के लिए यूपीएससी के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस बीच इस पर राजनीति भी गर्मा गई है। विपक्ष ने जहां सरकार को कठघरे में खड़ा किया, तो भाजपा ने भी विपक्ष के नेताओं पर सवाल उठाए।
तब उनके पिता जी की सरकार थी : सुधांशु
यूपीएससी लेट्रल एंट्री भर्ती विषय पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “राहुल गांधी और उनके खानदान की आरक्षण और एससी-एसटी, ओबीसी को लेकर जो खानदानी विरासत है, वो किसी से छिपी हुई नहीं है। उनकी अज्ञानता भी किसी से छिपी नहीं है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि हमारे कैबिनेट के जो सचिव बने हैं, वो किस बैच के हैं? उन्हें न पता हो तो हम बताते हैं कि वे 1987 बैच के हैं। जब राहुल गांधी की पार्टी और उनके पिता जी की सरकार थी। उन्होंने क्यों ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया था?
संघ के लोगों की भर्ती करने का प्रयास : तेजस्वी
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया। यह लोग लेटरल भर्ती के बहाने आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं। भाजपा किसी भी कीमत पर नहीं चाहती कि एससी-एसटी समाज सचिवालय में बैठे बल्कि ये लोग चाहते हैं कि शौचालय में बैठे। बिना किसी परीक्षा और आरक्षण के आईएएस और आईपीएस भर्ती हो जाएंगे। इसका मतलब संघ के लोगों की भर्ती करने का प्रयास किया जा रहा है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी क्या कर रहे हैं? उनकी बदौलत सरकार है और वे सिर्फ देख रहे हैं? तेजस्वी ने कहा कि यह दोहरी नीति नहीं चलने वाली है। रामविलास पासवान ने अल्पसंख्यक के सवाल पर इस्तीफा दे दिया था और चिराग पासवान केवल मलाई खाने का काम कर रहे हैं। देश की जनता, आदिवासी समाज इन नेताओं को देख रही है और समय पर इन्हें सबक सिखाने का काम करेगी।