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    पुरखों के संघर्ष और बलिदान से मिली आजादी.. हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे : सीएम साय

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को संबोधित किया। साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया। इसमें छत्तीसगढ़ प्रभावी भूमिका अदा कर रहा है। भाजपा सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है। सीएम ने कहा कि हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी के लिए हमारे पुरखों ने अंग्रेजों के विरुद्ध लंबा संघर्ष किया था। उनके बलिदान और संघर्षों के परिणामस्वरूप मिली आजादी को हमें अक्षुण बनाए रखना है।

    छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अथक मेहनत की

    मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश के स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों ने भारत माता की परतंत्रता की बेडिय़ों को तोडऩे के लिए जो अथक मेहनत की। इसी का नतीजा है कि हम स्वतंत्र वातावरण में साँस ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ में शहीद गेंद सिंह, शहीद धुरवा राव, शहीद यादव राव, शहीद वेंकट राव, वीर गुंडाधुर, शहीद डेबरी धुर, शहीद आयतु माहरा, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे नायकों ने अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए जन-जन में स्वाधीनता की अलख जगाई। आज जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह हमारे पुरखों के बलिदान का ही प्रतिफल है।

    आपसे किए अधिकांश वायदों को पूरा किया

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसे का संकट सबसे बड़ा संकट होता है। यह तंत्र जनता का अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा कायम रखने से ही चलता है। छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती इसी भरोसे को बहाल करने की थी। हमारी सरकार ने आपसे किए अधिकांश वादों को पूरा कर विश्वास को फिर से स्थापित किया है। संविधान निर्माताओं का सपना ऐसे ही मजबूत लोकतंत्र का था, जहां जनता और उसकी चुनी हुई सरकार भरोसे की ऐसी ही मजबूत डोर में बंधी रहे। यह लोकतंत्र का मजबूत रक्षासूत्र है, जिसे किसी भी लोकसेवक को कमजोर नहीं करना चाहिए।

    हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे राज्य निर्माता भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण प्रदेश के व्यापक आर्थिक विकास व प्रदेश की सुंदर संस्कृति के संरक्षण के लिए किया। हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे के संकल्प के साथ प्रदेश के नवनिर्माण में पूरी लगन से जुटकर अटलजी का सपना साकार करें। विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देकर हम पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाने का यश हासिल करगें। यही हमारा कर्तव्य भी है।

    आपातकाल के कठिन दौर को किया याद

    मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने आपातकाल के कठिन दौर में संविधान की मशाल को बुझने नहीं दिया। देशभर में हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल का विरोध किया और इसके प्रतिरोध में जेल की सजा और अन्य यातनाएँ भुगतीं। अगले वर्ष 25 जून को इमरजेंसी के 50 बरस पूरे हो जाएंगे। इस वर्ष आपातकाल स्मृति दिवस के अवसर पर 25 जून के दिन हमें अपने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का आशीर्वाद मिलौ। अपने लोकतंत्र सेनानियों के प्रति कृतज्ञता-ज्ञापित करने हेतु पिछले पांच वर्षों से रुकी उनकी सम्मान निधि हमारी सरकार द्वारा पुन: प्रारंभ की गई है। आज के दिन हम अपने उन जवानों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो हमारे प्रदेश में लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी आतंक से पूरे साहस और जज्बे के साथ मुकाबला कर रहे हैं। आठ महीनों में हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 146 दुर्दांत नक्सलियों को मार गिराया है। हमने 32 नए सुरक्षा कैंप खोले हैं और 29 नये कैंप शुरू करने जा रहे हैं। कई वर्षों बाद क्षेत्र की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है, जिसका कारण हमारे वीर जवानों की मेहनत व पराक्रम है।

    यह भी बोले सीएम विष्णु देव साय

    • महतारी वंदन योजना के रूप में 10 मार्च, 2024 के दिन 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में एक-एक हजार रुपए की राशि अंतरित की। योजना की छह किश्त जारी की जा चुकी है।
    • 5 सालों में प्रदेश के 18 लाख जरूरतमंद परिवारों के आवास का सपना पूरा नहीं हो सका। 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को आवास स्वीकृत करने का निर्णय भी हमने ‘‘मुख्यमंत्री आवास योजना’’ के तहत लिया है।
    • 4500 करोड़ रुपए का बजट रखा है। 18 जिलों में 70 मल्टी विलेज योजनाओं का काम आरंभ हो गया है। 50 लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा था। 39 लाख 31 हजार परिवारों में हम नल कनेक्शन उपलब्ध करा चुके हैं।
    • आयुष्मान भारत से 77 लाख परिवारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है।
    • तेंदूपत्ता संग्राहकों की पारिश्रमिक दर को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया है। 13 लाख 5 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 855 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 1 लाख 72 हजार अधिक है।
    • प्रदेश के 211 स्कूलों में पीएमश्री योजना आरंभ की गई है। तीसरे चरण में हमें 52 स्कूलों की स्वीकृति मिली है।
    • बस्तर में ’नियद नेल्लानार’’ योजना शुरू की है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के हितग्राहियों के लिए आरंभ की गई ‘’पीएम जनमन योजना’’ की तरह इस योजना से कैंपों के निकट पांच कि.मी. की परिधि के गांवों में 17 विभागों की 53 हितग्राही मूलक योजनाओं एवं 28 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है।
    • राज्य के 13 लाख किसानों के बैंक खाते में 3716 करोड़ रुपये का बकाया धान बोनस अंतरित किया। किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की। प्रदेश में ‘‘रिकॉर्ड’’ 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई।
    • किसानों को समर्थन मूल्य की 32 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ ही कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 75 हजार किसानों को अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। सरकार ने धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किए।
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