हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची। यह कैपिटल मार्केट को अस्थिर करने की साजिश है। शेयरों के मामले में भी भारत एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है। यह सुनिश्चित करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है कि बाजार सुचारु रूप से चले। जब सेबी ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपनी पूरी जांच पूरी करने के बाद हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तब अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना उन्होंने यह हमला किया है, यह बेबुनियाद हमला है।
हिंडनबर्ग जिस पर अमेरिका में भी केस चल रहा
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ऐसे हिंडनबर्ग जिस पर अमेरिका में भी डिसएप्वाइंटमेंट का केस चल रहा है, उसकी ऐसी एक रिपोर्ट जिसमें पूरी तरीके से झूठ परोसा गया है, उसको आधार बनाते हुए भारत की अर्थव्यवस्था में पैनिक क्रिएट किया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उससे कूड़े की डिब्बे में डालने का काम किया था। आज राहुल गांधी और उनके जमात सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं क्या? जब भी संसद का सत्र आसपास आता है तो ये लोग एक विदेशी रिपोर्ट लेकर आते हैं और उसको लेकर एक मुद्दा खड़ा किया जाता है। उनके नेता कहते ही हैं कि जैसी बांग्लादेश की स्थिति है वैसे भारत की भी होनी चाहिए। क्या भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का ये षड्यंत्र रचा जा रहा है?
ये लोग देश के दुश्मन हैं : गिरिराज
हिंडनबर्ग अनुसंधान रिपोर्ट 2024 पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश देश को बदनाम करने वाले गैंग हैं। हिंडनबर्ग हमें बदनाम करता है, हम देश की बदनामी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये लोग देश के दुश्मन हैं। हिंडेनबर्ग पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत की विकास की रफ्तार बहुत तेजी आगे बढ़ी है। दुनिया के कुछ लोग या देश के कुछ लोग जो भारत के विकास को रोकना चाहते हैं, वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित कराते हैं। ये बेबुनियाद आरोप है।
किसी षडयंत्र का हिस्सा है साय
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दल लगातार कोशिश करते हैं कि दुनिया के सामने भारत के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाए। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इन्होंने ईवीएम की निष्पक्षता को लेकर और चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर प्रश्न खड़ा किया है। यह भी किसी षडयंत्र का हिस्सा है।