लोकसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं, हम कड़ी मेहनत करते हैं। आप की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं है। रेल मंत्री ने कहा कि लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।
लोको पायलटों से मिले थे राहुल गांधी
पिछले दिनों राहुल गांधी दिल्ली में लोको पायलटों से मिले थे। इस दौरान उनके साथ कैमरामैनों की टीम थी, जिसने फोटो और वीडियो बनाए थे। हालांकि बाद में रेलवे ने स्पष्ट किया था कि राहुल जिनसे मिले थे, वे लोको पायलट नहीं थे, बल्कि बाहरी लोग थे। तब बीजेपी ने इसकी निंदा की थी। रेलमंत्री ने इसी पर कटाक्ष किया है।
कांग्रेस ने किया पलटवार
कांग्रेस ने अपने अधिकृत एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि दो महीने में 11 रेल हादसे हुए हैं, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। लेकिन मोदी के रेल मंत्री की बेशर्मी देखिए। देश के इतने लोगों की जान चली गई और ये इसे छोटी-छोटी घटना बता रहे हैं। रील मंत्री जी, आपको शर्म आनी चाहिए।