पाकिस्तान ही दुनिया में एकमात्र ऐसा देख होगा, कभी न स्थिर रहना चाहता और न ही कभी स्थिर रह सकता है। यहां सेना की ही हमेशा चलती रही है। सेना के कारण ही इमरान खान प्रधानमंत्री बन पाए और सेना के कारण ही उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इसके बाद नवाज शरीफ की पार्टी और भुट्टो की पार्टी ने हाथ मिला लिया और शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन गए। चुनाव में भी जैसे-तैसे उन्होंने अपनी सत्ता बचाए रखी। अब एक बार फिर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता पनप रही है। शहबाज की सरकार डगमगाती नजर आ रही है। बताया यह जाता है कि पाकिसतान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सहयोगी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अब इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ के संपर्क में है। ऐसा हुआ तो मियां बिलावल भुट्टो एक बार खेला करते नजर आएंगे।
जरदारी का बयान आया सामने
हाल ही में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि उन्हें पता है कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है। वहीं पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है कि अगर इमरान खान बातचीत के लिए तैयार हों, तो वे जरूर बातचीत करना चाहेंगे। पार्टी नेता खुर्शीद शाह ने भी कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी हमेशा बातचीत के लिए तैयार रहते हैं और बातचीत से समस्याओं के हल के हिमायती हैं। इसी साल 8 फरवरी को हुए चुनाव के बाद शरीफ और भुट्टो के बीच गठबंधन की सरकार बनी है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में फिर उठापटक होने वाली है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी आरोप लगा चुके हें कि सरकार ठीक से नहीं चल रही है। ऐसे में अगर राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी तो सत्ता परिवर्तन की उम्मीद बढ़ जाएगी। हां, इस पर सेना का क्या रुख होगा, यह देखने वाली बात होगी।