कर्नाटक विधानसभा ने नीट के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इसे राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने पेश किया। आधिकारिक संकल्प में उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इसकी अनियमितताएं दूर की जाएं ताकि छात्रों का जीवन बर्बाद न हो।
यह बोली कांग्रेस सरकार
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने आधिकारिक संकल्प में कहा कि नीट परीक्षा प्रणाली गरीब ग्रामीण छात्रों के चिकित्सा शिक्षा के अवसरों को बुरी तरह प्रभावित करती है, स्कूली शिक्षा को निरर्थक बनाती है और राज्य सरकारों को राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश देने के अधिकार से वंचित करती है। अत: यह गौरवशाली सदन सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि इस व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए। साथ ही कर्नाटक विधान परिषद सर्वसम्मति से आग्रह करती है कि केंद्र सरकार को तुरंत कर्नाटक राज्य को इस परीक्षा से छूट देनी चाहिए और छात्रों द्वारा प्राप्त राज्य सरकार द्वारा आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश प्रदान करना चाहिए। नीट परीक्षाओं में बार-बार होने वाली अनियमितताओं को देखते हुए केंद्र सरकार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 (केंद्रीय अधिनियम 30, 2019) में भी आवश्यक संशोधन करना चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर नीट प्रणाली को समाप्त किया जा सके।