भारत ने फ्रांस से राफेल खरीदकर पाकिस्तान और चीन पर बढ़त बनाई है। लद्दाख और एलओसी पर राफेल की तैनाती हो चुकी है। अब भारतीय नौसेना अपने नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए राफेल-एम (मरीन) खरीदने की तैयारी में है। अगर ऐसा हुआ तो भारतीय नौसेना की क्षमताएं बढ़ जाएंगी। खासतौर पर हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक ताकत बढ़ जाएगी। दरअसल राफेल एम युद्ध की तस्वीर को बदल सकता है। विस्तारित रेंज और ज्यादा हथियारों के साथ उड़ान भरने की क्षमता से चीन के होश फाख्ता हो जाएंगे।
राफेल-एम में यह है खास
राफेल-एम अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस है जिसमें थेल्स आरबीई-2 एए एईएसए रडार है। इसे दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के साथ जोड़ा गया है। इससे भारतीय नौसेना हवाई श्रेष्ठता स्थापित कर सटीक हमले कर सकेगी। इसमें एक शक्तिशाली लैंडिंग गियर लगा हुआ है, जो एक छोट रनवे पर तेजी से उतरने के बाद भी खराब नहीं होगा। इसमें अरेस्ट लैंडिंग के लिए टेल हुक और एयरक्राफ्ट कैरियर पर पार्किंग के लिए फोल्डेबल विंग भी हैं। इसे आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा, जिससे नौसेना की शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी। इससे हिंद महासागर में चीन की खुराफातों पर विराम लग सकता है।