प्रधानमंत्री एक बार पाकिस्तान जा चुके हैं। लेकिन उस समय हालात कुछ और थे। पहली बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी अपने समकक्ष नवाज शरीफ के बुलावे पर अचानक पाकिस्तान पहुंच गए थे। लेकिन तब दोस्ती की आस थी और दोनों देशों में थोड़ा-बहुत विश्वास था। लेकिन इसके बाद कई आतंकी हमले हुए और भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया। नवाज शरीफ की सत्ता गई और इमरान खान सत्तान में आए। तब पुलवामा अटैक हुआ तो भारत ने भी एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के होश उड़ा दिए। तब से भारत ने पाकिस्तान से हर रिश्ता खत्म कर दिया है। ऐसे में इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एएससीओ) की बैठक होने वाली है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि मेजबान होने के नाते वह तो भारत समेत सभी देशों को बुलाएगा। ऐसे में सवाल है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में इस्लामाबाद जाएंगे। अभी भारत ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
आम पाकिस्तानी भी मानते हैं कि मोदी बैठक में नहीं आएंगे। इसका कारण बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति भी है। भारत अब अमेरिकी के नजदीकी है, तो चीन और पाकिस्तान से उसकी दुश्मनी जगजाहिर है। भारत ने यूक्रेन से संघर्ष के बाद रूस को भी बेहतर तरीके से साधने का प्रयास किया है। पिछली एससीओ बैठक में पीएम मोदी नहीं गए थे, बल्कि एस. जयशंकर को भेजा था। ऐसे में साफ जाहिर है कि मोदी इस गु्रप को इतनी अहमियत नहीं देंगे कि पाकिस्तान चले जाएं। वैसे भी बीजेपी की राजनीति और चुनावी अभियान इस बात की इजाजत नहीं देते कि मोदी पाकिस्तान जाएं और शहबाज शरीफ से मुलाकात कर अहमियत दें। ऐसे में इस बात की संभावना न के बराबर है कि मोदी अक्टूबर में पाकिस्तान जाएंगे।
पाकिस्तान में होगी एससीओ समिट.. क्या मोदी जाएंगे इस्लामाबाद
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